Saturday 23 October 2021

रामजन्मभूमि कार्यारम्भ का एक वर्ष
* अशोक कुमार सिन्हा
अयोध्या मे΄ श्रीराम जन्मस्थान पर निर्मित मन्दिर को तोडक़र छद्म मस्जिद बनाने वालों का अभियान 492 वर्ष के बाद टूट कर चकनाचूर हो गया। 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानम΄त्री ने रामराज्य का श΄खनाद करते हुए नए भारत की आधारशिला रखी थी। नये मन्दिर का कार्यारम्भ हुए एक वर्ष पूरे हो रहे है΄। यह  राष्टï्र मन्दिर का शुभारम्भ था। यह सम्पूर्ण विश्व की आस्था का केन्द्र बिन्दु है। श्रीरामलला का म΄गलभवन वर्तमान सन्दर्भ मे΄ एक चमत्कार से कम नही΄ है। श्री मोहन भागवत जी ने इस अवसर पर भूमि पूजन करते समय कहा था कि ‘‘अपने हृदय मे΄ केवल राम को ही समाहित कर ले΄, रामजी के आदर्श को अपने हृदय मे΄ धारण कर ले΄। ‘..तेही΄ के हृदय बसेहु रघुराई’. ऐसा जीवन बनाना, यह मुख्य काम है। उसके लिये मन्दिर बनाने का आग्रह है। भावना को सम्मान दिया जाना चाहिये। हमारे आदर्श श्रीराम के मन्दिर को तोडक़र, हमे΄ अपमानित करके हमारे जीवन को भ्रष्ट किया गया है। हमे΄ उसे फिर से खड़ा करना है।’’
राममन्दिर का शिलान्यास 1989 मे΄ पहले ही हो गया था। 15 अगस्त 2020 को केवल मन्दिर निर्माण कार्य का शुभारम्भ हुआ। जनआ΄दोलन तो भूमि प्राप्त करने का था। भारत के सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय आया तो एक न्यास बनाकर कार्य किया गया। राम भतो΄ मे΄ टोलिया΄ बनाकर धन स΄ग्रह अभियान चलाया। उनके प्रथम प्रयास मे΄ ही ढाई हजार करोड़ रुपए एकत्र हो गये। बाद मे΄ और भी समर्पण राशि आती गई। पूजा के लिए एक चा΄दी की ईंट की आवश्यकता थी। राम भतो΄ ने अयोध्या मे΄ चा΄दी के ईंटो΄ का अ΄बार लगा दिया। राम भतो΄ की आका΄क्षा है कि सम्पूर्ण राममन्दिर के शिखरो΄ पर स्वर्ण परत चमके। प्रभु राम यह कार्य भी पूर्ण करे΄गे।
ऐसे लोग जो राम के अस्तित्व को नकार रहे थे। न्यायालय मे΄ हलफनामा दे रहे थे कि राम काल्पनिक है। राम सेतु मिथक है। उसे तोड़े जाने की योजना बना रहे थे। ऐसे लोग आश्चर्यचकित है΄ कि रामभतो΄ के हृदय मे΄ विराजमान राम ऐसा चमत्कार करे΄गे कि पूरा विश्व अच΄भित हो जाएगा और जय सियाराम का जयकारा लगाने लगेगा।
देश के 75,000 टोलियो΄ मे΄ 1,00,000 कार्यकर्ताओ΄ ने घर-घर जा कर 10 करोड़ परिवारो΄ से सम्पर्क किया। 4,00,000 गा΄वो΄ मे΄ यह सम्पर्क अभियान चला। विश्व के इतिहास मे΄ यह सबसे बड़ा सम्पर्क अभियान पूर्णत: सफल रहा। मत, प΄थ, जाति, भाषा, प्रान्त सब के ब΄धन जकडऩ टूट गये। मन्दिर के नी΄व मे΄ मिर्जापुर के पत्थर, परकोटे पर जोधपुर का पत्थर और मन्दिर मे΄ भरतपुर के व΄शी पहाड़ का पत्थर लगाने का निर्णय हुआ। पूर्व मे΄ मन्दिर निर्माण की जो परिकल्पना बनाई गई थी उसे और भव्य और बड़ा रूप प्रदान किया गया। 400 फुट लम्बाई, 250 फुट चौड़ाई और 40 फुट गहराई का मलवा निकालकर ठोस मिर्जापुरी पत्थरो΄ से तथा कई परत के उाम क΄क्रीट सीमेन्ट से भरा जा चुका है। भारतीय प्रौद्योगिकी स΄स्थान मद्रास, मुम्बई सहित विश्वस्तर के वैज्ञानिक भराई सामग्री का ध्यान रख रहे है΄। जमीन तक कंक्रीट तथा उसके ऊपर 16.5 फुट चबूतरा बनेगा। मन्दिर भूतल से 161 फुट ऊंचा होगा। 361 फुट ल΄बा और 235 फुट चौड़ा होगा। कुल 160 खम्बे लगे΄गे। ढाई एकड़ मे΄ केवल मन्दिर होगा। उसके चारो΄ ओर की भूमि खरीदी गई है जहा΄ मन्दिर के 6 एकड़ मे΄ परकोटा बनेगा। वर्तमान मे΄ भूमि पर 500 विशाल वृक्ष है जिन्हे काटे बिना ही स्थाना΄तरित किया गया है। जिस प्रकार श्रीराम ने लोक स΄गठन से आत΄कवाद को समाप्त किया था उसी प्रकार देश की सज्जन शितयो΄ ने मिलकर दुष्ट शितयो΄ को पराजित किया है। उनके राष्ट्रविरोधी षडय΄त्रो΄ को विफल किया है। सदियो΄ से स΄घर्ष का सुखद अन्त किया है। यह मन्दिर का निर्माण ही नही΄, नये भारत का निर्माण हो रहा है। म΄दिर निर्माण राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है। इससे नर और नारायण जुड़े΄गे, मन्दिर पर ध्वज पताका के रूप मे΄ भारत की कीर्ति लहराने जा रही है। राम की कीर्ति भारत के जनमन का मार्गदर्शन करती है।
विराट अयोध्या का पुनर्गठन हो रहा है। पूरे नगर की नई संरचना की जा रही है। रेलवे स्टेशन को अयोध्या की स΄स्कृति का रूप दिया गया है। अन्तर्राज्यीय हवाई अड्डा का निर्माण हो रहा है, अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल बन रहा है।
हिन्दू आस्था के केन्द्र राममन्दिर को शीघ्र बना कर पूरा करने का कार्य प्रगति पर है। आगामी तीन वर्षों मे΄ भतगणो΄ को आशा है कि वे मूल मन्दिर मे΄ पूजा अर्चना कर सके΄गे। चौरासी कोस की परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया है तथा उसका चौड़ीकरण कार्य इसी माह प्रारम्भ हो रहा है। अयोध्या के छह प्रवेश द्वारो΄ का निर्माण नगर शैली मे΄ प्रारम्भ हो गया है। प्रयास है कि अयोध्या का प्राचीन गौरव पुनस्र्थापित हो। लगभग 1200 एकड़ की भव्य अयोध्या के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओ΄ के लिये आवासीय परिसर का प्रबन्ध होगा।
सरयू घाटो΄ के आस-पास सुन्दरीकरण होगा। बाईपास से नया घाट सरयू तट तक जाने के लिये स्मार्ट रोड, कला परियोजना, पशु संरक्षण, बाहरी रिंग रोड, रामायणकालीन पौधरोपण, रामायण थीम पार्क आदि का निर्माण किया जाएगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक विकास परियोजनाए΄ स΄चालित हो रही है। पत्थर के तराशने का कार्य चौगुनी गति गति से हो रहा है। ग्रीन फील्ड, टाउनशिप, आश्रम मठ विभिन्न राज्यो΄ के भवन, विश्वस्तरीय स΄ग्रहालय, पर्यटन  विशाल आधुनिकतम सुसज्जित होटल, धर्मशालाओ΄ के कार्य प्रगति पर है। रामजन्मभूमि परिसर मे΄ ही राम जन्मभूमि आन्दोलन का स्मारक भी बनाया जाएगा। इसी स΄ग्रहालय मे΄ राम जन्मभूमि की प्रमाणिकता प्रदर्शित करते साहित्य, साक्ष्य पुरावशेषो΄ और मन्दिर की दावेदारी से जुड़े प्रस΄गो΄ की धरोहर भी स΄कलित कर प्रदर्शित की जाये΄गी। अयोध्या के मुख्यमार्ग और भवनो΄ को केसरिया र΄ग मे΄ र΄गे जाने की योजना है। सभी साइन बोर्ड एक जैसे हो΄गे, बोर्ड की ल΄बाई-चौड़ाई निर्धारित होगी। अयोध्या के आस-पास पौराणिक स्थलो΄ का भी सुन्दरीकरण और मार्ग सुधार का कार्य प्रारम्भ हो गया है। दशरथ समाधि स्थल, गौतम ऋषि का आश्रम, बाबा म΄गेश्वर महादेव, यमदाग्नि ऋषि का आश्रम, सूर्यकुन्ड, भरतकुन्ड, पिशाची कुन्ड और पौराणिक कुन्डो΄ को हेरिटेज रूप दिया जाएगा।
पर्यावरण और हरियाली का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। 251 ऐसे स्थलो΄ की पहचान की गई है जिनका पौराणिक महत्व है। सरकार की ओर से पावनपथ परियोजना चलाकर ग्रेटर अयोध्या का रूप दिया जाएगा। 500 करोड़ रुपए की लागत से सरयू तट पर प्रभुश्रीराम की विशाल प्रतिमा स्थापित होगी। योगी आदित्यनाथ का स΄कल्प है कि दुनिया की सबसे वैभवशाली नगरी का रूप अयोध्या को मिले। अवधपुरी को उसका पुराना वैभव प्राप्त हो। उार प्रदेश राम, कृष्ण और शिव का प्रदेश के रूप मे΄  विश्वविख्यात रहे।
* प्रमुख, विश्व संवाद केन्द्र, अवध।  

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